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छोटे पशुओं के उपचार के लिए औषधीय पौधों द्वारा पशु चिकित्सा पद्धति को प्रोत्साहन - सेवा तामिलनाडु द्वारा एक शोध अध्ययन।
by ruchita published Oct 01, 2012 last modified May 04, 2016 11:49 AM — filed under: , ,
सेवा (सस्टेनेबल एग्रीकल्चर एण्ड इन्वायरणमेन्टल वौलन्टरी एक्शन) एक गैर-सरकारी संस्था है जो स्थानीय ज्ञान व ज़मीनी स्तर पर हुई नई रचनाओं व प्रयोगों का दस्तावेजीकरण व प्रसार तथा स्थानीय पशुओं की नसलों का संरक्षण करने मे कार्यरत है। पिछले बीस वर्षों से सेवा औष्धीय पौधों पर आधारित पशु चिकित्सा पद्धति का पशुपालन के लिए दस्तावेजीकरण कर रही है और उन्होने 4,000 से अधिक किसानो को प्रशिक्षित कर दिया है जिनमे से कुछ तामिलनाडु के विभिन्न भागों मे पशुओं के रोगशमन करने वालों के रुप मे अभ्यास कर रहें है।
Located in Publications / Case Studies / Small Ruminants
छोटे पशुओं के उपचार के लिए औषधीय पौधों द्वारा पशु चिकित्सा पद्धति को प्रोत्साहन - सेवा तामिलनाडु द्वारा एक शोध अध्ययन।
by ruchita published Oct 01, 2012 last modified Jul 07, 2014 10:57 AM — filed under: , ,
सेवा (सस्टेनेबल एग्रीकल्चर एण्ड इन्वायरणमेन्टल वौलन्टरी एक्शन) एक गैर-सरकारी संस्था है जो स्थानीय ज्ञान व ज़मीनी स्तर पर हुई नई रचनाओं व प्रयोगों का दस्तावेजीकरण व प्रसार तथा स्थानीय पशुओं की नसलों का संरक्षण करने मे कार्यरत है। पिछले बीस वर्षों से सेवा औष्धीय पौधों पर आधारित पशु चिकित्सा पद्धति का पशुपालन के लिए दस्तावेजीकरण कर रही है और उन्होने 4,000 से अधिक किसानो को प्रशिक्षित कर दिया है जिनमे से कुछ तामिलनाडु के विभिन्न भागों मे पशुओं के रोगशमन करने वालों के रुप मे अभ्यास कर रहें है।
Located in Good Practices / Small Ruminants
छोटे पशुओं के उपचार के लिए औषधीय पौधों द्वारा पशु चिकित्सा पद्धति को प्रोत्साहन - सेवा तामिलनाडु द्वारा एक शोध अध्ययन।
by ruchita published Oct 01, 2012 last modified May 20, 2014 05:40 PM — filed under: , ,
सेवा (सस्टेनेबल एग्रीकल्चर एण्ड इन्वायरणमेन्टल वौलन्टरी एक्शन) एक गैर-सरकारी संस्था है जो स्थानीय ज्ञान व ज़मीनी स्तर पर हुई नई रचनाओं व प्रयोगों का दस्तावेजीकरण व प्रसार तथा स्थानीय पशुओं की नसलों का संरक्षण करने मे कार्यरत है। पिछले बीस वर्षों से सेवा औष्धीय पौधों पर आधारित पशु चिकित्सा पद्धति का पशुपालन के लिए दस्तावेजीकरण कर रही है और उन्होने 4,000 से अधिक किसानो को प्रशिक्षित कर दिया है जिनमे से कुछ तामिलनाडु के विभिन्न भागों मे पशुओं के रोगशमन करने वालों के रुप मे अभ्यास कर रहें है।
Located in Good Practices
छोटे पशुओं के उपचार के लिए औषधीय पौधों द्वारा पशु चिकित्सा पद्धति को प्रोत्साहन - बायफ डेवलपमेंट रिसर्च फाउंडेशन द्वारा एक शोध अध्ययन
by ruchita published Oct 08, 2012 last modified Jun 03, 2014 03:59 PM — filed under: , , ,
बायफ का उद्देशय है ग्रामीण परिवारों, विशेषकर वंचित और संसाधन गरीब परिवारों के लिये लाभकारी स्वरोज़गार के अवसरों का सृजन करना, तथा सुनिश्चित करना कि उनकी आजीविका मे स्थिरता हो और उनके जीवन की गुणवत्ता मे सुधार हो। इन उद्देश्यों को प्राप्त करने की दिशा मे बायफ ने सहभागी समुदाय से निरंन्तर बातचीत जारी रखी ताकि उनके द्वारा सामना की गई बाधाओं को पहचानने मे मदद कर सकें तथा सब मिल कर स्थानीय उपलब्ध संसाधनो के आधार पर संभव समाधान पर विचार कर सकें। कौशल मे बढ़ोतरी तथा प्रौद्योगिकी और ज्ञान संसाधन की पहुँच को सरल बनाना, अन्य प्रमुख कार्यान्वन रणनीतियाँ है।
Located in Good Practices / Small Ruminants
छोटे पशुओं के उपचार के लिए औषधीय पौधों द्वारा पशु चिकित्सा पद्धति को प्रोत्साहन - बायफ डेवलपमेंट रिसर्च फाउंडेशन द्वारा एक शोध अध्ययन
by ruchita published Oct 08, 2012 last modified May 04, 2016 11:49 AM — filed under: , , ,
बायफ का उद्देशय है ग्रामीण परिवारों, विशेषकर वंचित और संसाधन गरीब परिवारों के लिये लाभकारी स्वरोज़गार के अवसरों का सृजन करना, तथा सुनिश्चित करना कि उनकी आजीविका मे स्थिरता हो और उनके जीवन की गुणवत्ता मे सुधार हो। इन उद्देश्यों को प्राप्त करने की दिशा मे बायफ ने सहभागी समुदाय से निरंन्तर बातचीत जारी रखी ताकि उनके द्वारा सामना की गई बाधाओं को पहचानने मे मदद कर सकें तथा सब मिल कर स्थानीय उपलब्ध संसाधनो के आधार पर संभव समाधान पर विचार कर सकें। कौशल मे बढ़ोतरी तथा प्रौद्योगिकी और ज्ञान संसाधन की पहुँच को सरल बनाना, अन्य प्रमुख कार्यान्वन रणनीतियाँ है।
Located in Publications / Case Studies / Small Ruminants
Baseline Assessment Study - Goat Rearing, Jhirniya Block, District Khargone, Madhya Pradesh
by ruchita published Apr 02, 2014 last modified May 04, 2016 11:50 AM — filed under: , , , ,
The design of the pilot initiative demonstrating an integrated approach to strengthen goat based livelihoods in a selected village cluster in the Jhirniya block of District Khargone in Madhya Pradeshis is based on the findings of a baseline assessment study on small ruminant rearing, undertaken in November – December 2013.
Located in Publications / Pilot Projects / Goat Rearing Pilot
Buck sale – a viable livelihood opportunity for youth in rural areas
by ruchita published Mar 12, 2015 last modified Mar 12, 2015 07:58 PM — filed under: , ,
Recently Sandeep has expanded his enterprise to include the supply of goats of the Sirohi and Totapuri breed to interested buyers. The demand for these breeds is higher as they are sturdy, easily acclimatize to local conditions and gain weight even with minimal feeding.
Located in Stories / Small Ruminants
Collective Action to Reduce Goat Mortality - A Case Study of interventions supported by PRADAN in District Kandhamal, Odisha
by ruchita published Sep 23, 2013 last modified Mar 27, 2014 11:14 AM — filed under: , ,
This case study is the result of field visits undertaken by SA PPLPP in District Kandhamal, Odisha, where PRADAN (Professional Assistance for Development Action) has supported goat based livelihood interventions in five of the fourteen gram panchayats of the Balliguda block.
Located in Good Practices / Small Ruminants
Collective Action to Reduce Goat Mortality - A Case Study of interventions supported by PRADAN in District Kandhamal, Odisha
by ruchita published Sep 23, 2013 last modified May 04, 2016 11:49 AM — filed under: , ,
This case study is the result of field visits undertaken by SA PPLPP in District Kandhamal, Odisha, where PRADAN (Professional Assistance for Development Action) has supported goat based livelihood interventions in five of the fourteen gram panchayats of the Balliguda block.
Located in Publications / Case Studies / Small Ruminants
Community-led Initiatives for Conservation of the native Bhagli (Sonadi) Sheep, District Pali, Rajasthan – the story of Dharmaram Raika
by ruchita published Jul 16, 2013 last modified Jan 21, 2014 07:25 PM — filed under: , ,
Under the Breed Saviour Awards 2012, instituted by the National Bio-diversity Authority, the LIFE Network and the National Bureau of Animal Genetic Resources, Dharmaram has been awarded for his efforts to protect and conserve the Bhagli sheep breed.
Located in Stories / Small Ruminants